पंजाब को रिमोट से चलाने वालों तथा शेखी बघारने वाली कठपुतलियों वाली सरकार की जरूरत नही: सरदार परकाश सिंह बादल

पंजाब को रिमोट से चलाने वालों तथा शेखी बघारने वाली कठपुतलियों वाली सरकार की जरूरत नही: सरदार परकाश सिंह बादल

पंजाब को रिमोट से चलाने वालों तथा शेखी बघारने वाली कठपुतलियों वाली सरकार की जरूरत नही: सरदार परकाश सिंह बादल

पंजाब को रिमोट से चलाने वालों तथा शेखी बघारने वाली कठपुतलियों वाली सरकार की जरूरत नही: सरदार परकाश स

अकाली दल द्वारा राज्यों के लिए राजनीतिक तथा आर्थिक स्वायत्ता के साथ असली संघीय संरचना की स्थापना का आहवाहन

सरदार सुखबीर सिंह बादल ने सरकारी कर्मचारियों के लिए 2004 से पहले की पेंशन योजना को बहाल करने की प्रतिबद्धता के अलावा किसानों के लिए 50 हजार रूपये प्रति एकड़ फसल बीमा योजना की घोषणा की

मोगा/14दिसंबर: शिरोमणी अकाली दल ने आज देश में वास्तविक सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक स्वायत्तता के साथ देश में सही मायने में संघीय ढ़ांचे की स्थापना  क आहवाहन किया।उन्होने घोषणा की कि सरकारी कर्मचारियों के लिए 2004 से पहले की पेंशन योजना को बहाल करने की प्रतिबद्धता के अलावा 50हजार रूपये प्रति एकड़ फसल बीमा योजना लागू करने की भी घोषणा की।

शिरोमणी अकाली दल के अनुभवी राजनेता और पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके सरदार परकाश सिंह बादल ने आज यहां पजबियों की सबसे बड़ी ऐतिहासिक  सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शिअद-बसपा गठबंधन अपने 1996 में संयुक्त प्रयास के प्रदर्शन को दोहराने के लिए तैयार है ,जब गठबंधन ने पूरे राज्य में अपना अभूतपूर्व जीत हासिल की थी’’।

शिरोमणी अकाली दल के सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मानवता के समूद्र के रूप में पार्टी ने ‘‘ पंजाबियों को वास्तव में पारदर्शी, जवाबदेह और समावेशी सरकार देने की कसम खाई’’। सरदार बादल ने कहा कि पंजाबियों के सामने चुनाव ‘‘ सीधा तथा सरल ’’ है। यह पजांबियों की सरकार होने के बीच का चुनाव है। पजांबियों के लिए एक तरफ तो पंजाबी यां बाहरी लोगों द्वारा नियंत्रित ‘‘ शेखी बघारने वाले कठपुतलियों ’’ के बीच चुनाव करना है।

सरदार बादल ने कहा कि कांग्रेस द्वारा समाज के गरीब और अनुसूचित जाति के वर्गों को यह बताकर अपमानित करना बेहद दुखद है कि वर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी उनकी पहली पंसद नही थे।  ‘‘ अब वे खुलेआम उनके प्रदर्शन का समर्थन करने से इंकार करके और उन्हे अपने मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में नाम न देकर उन्हे अपमानित कर रहे हैं।

इससे पहले उन्होने कांग्रेस के अनुभवी नेता सुनील जाखड़ के समुदाय को  पहले यह प्रचार करके अपमानित किया, कि वह अगले मुख्यमंत्री होंगें, लेकिन बाद में मीडिया में आई खबरों को लीक कर दिया कि उनके समुदाय से किसी को भी कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री नही बनाया जा सकता है। ‘‘ इस तरह के साम्प्रदायिक खेल कांग्रेस  के लिए कोई नई बात नही है, लेकिन ये साम्प्रदायिक सदभाव के लिए गलत और खतरनाक है‘‘।

सरदार बादल ने सिख संगत को केंद्र और अन्य सिख विरोधी ताकतों द्वारा उनके वैध रूप से संवैधानिक रूप से चुने गए प्रतिनिधियों के माध्यम से सिख कौम के पवित्र गुरुधामों के सेवा संभाल (प्रबंधन) पर खालसा पंथ के पवित्र अधिकार को छीनने की साजिश के खिलाफ आगाह किया। अकाली सरंक्षक  ने अतीत के ‘‘ खतरनाक दुस्साहस’’ के खिलाफ भारत सरकार को चेतावनी देते  हुए कहा कि पंजाब और बाहर शांति और साम्प्रदायिक सदभाव के माहौल को बिगाड़ने के लिए ऐसा नही किया जाना चाहिए।

एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने घोषणा की कि किसानों को फसल के नुकसान के लिए 50 हजार रूपये प्रति एकड़ बीमा कवर दिया जाएगा। जयकारों के बीच उन्होने यह भी घोषणा की कि अगली शिअद-बसपा गठबंधन सरकार , सरकारी कर्मचारियों के लिए 2004 से पहले की पेंशन योजना को बहाल करेगी। उन्होने कहा कि अगली सरकार एक व्यक्ति को रेत का ठेका और एक व्यक्ति को शराब की दुकान देकर, रेत और शराब के कारोबार में एकाधिकार को भी समाप्त करेगी। उन्होने सभी धार्मिक स्थलों के बिजली माफ करने की भी घोषणा की।

सरदार बादल ने यह भी घोषणा की कि शिअद-बसपा गठबंधन सरकार किसी को भी राज्य में शांति और सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने की अनुमति नही देगी। ‘‘ भाईचारक सांझ के साथ समझौता नही किया जा सकता है। मैं पंजाब को विकास की नई उंचाईयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूं’’।

सरदार बादल ने यह भी बताया कि कैसे अकाली दल संघवाद की आवाज उठाने वाली पहली पार्टी थी। ‘‘ अब क्षेत्रीय दल भी संघीय अधिकारों को मजबूत करने का आहवाहन कर रहे हैं। यदि राज्यों के संघीय अधिकार सुरक्षित हैं तो तीनों खेती कानून जैसे काले कानूनों को राज्यों की मंजूरी के बिना लागू नही किया जा सकता है। हम देश के संघीय ढ़ांचे को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं’’।  पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने भी इस संबंध में एक प्रस्ताव पढ़कर कहा कि संघवाद के समर्थन के लिए सांझा मोर्चा का गठन किया जाएगा।

मोगा सभा में शिअद-बसपा गठबंधन के नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने की कांग्रेस सरकार की कोशिशों की निंदा करते हुए प्रस्ताव भी पारित किया गया और मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी, गृहमंत्री सुखजिंदर रंधावा और पीपीसीसी अध्यक्ष नवजोत सिद्धू को चेतावनी दी कि वे बदलाखोरी की राजनीति को आगे बढ़ाने के परिणामों के लिए जिम्मेदार होंगें।

डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने प्रस्ताव पढ़कर सुनाया , जिसमें नकद हस्तांतरण मामले में मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की गई। इसमें गृहमंत्री के खिलाफ लगाए गए रिश्वतखोरी के आरोपों की न्यायिक जांच की मांग की , जिनपर एक कैबिनेट सहयोगी ने एस.एस.पी की पोस्टिंग की तैनाती के लिए पैसे लेने का आरोप लगाया है।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतीश मिश्रा ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि गठबंधन 100 सीटें हासिल करके आगामी चुनावों में जीत हासिल करने के लिए तैयार है। उन्होने कहा कि गठबंधन सरकार समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने के लिए एकजुट खड़ी है। इस अवसर पर बसपा पंजाब प्रभारी रणधीर बेनीवाल और प्रदेश अध्यक्ष जसबीर सिंह गढ़ी ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर एस.जी.पी.सी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी के अलावा बलविंदर सिंह भूंदड़, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, गुलजार सिंह रणीके, हीरा सिंह गाबड़िया और जगमीत बराड़  सहित वरिष्ठ नेताओं ने भी संबोधित किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री सरदारनी हरसिमरत कौर बादल , सांसद नरेश गुजराल और सुच्चा सिंह छोटेपुर भी रैली में मौजूद थे।